सिकंदर उस जल की तलाश में था, जिसे पीने से मानव अमर हो जाते हैं । काफी दिनों तक दुनियाँ में भटकने के पश्चात आखिरकार उस ने वह जगह पा ही ली, जहाँ उसे अमृत की प्राप्ति हो ।
उसके सामने ही अमृत जल बह रहा था, वह अंजलि में अमृत को लेकर पीने के लिए झुका ही था कि तभी एक बुढा व्यक्ति जो उस गुफा के भीतर बैठा था, *जोर से बोला, रुक जा, यह भूल मत करना...!’*
बड़ी दुर्गति की अवस्था में था, वह बुढा ! सिकंदर ने कहा, ‘तू रोकने वाला कौन...?’
*बुढे ने उत्तर दिया ..* मैं भी अमृत की तलाश में था और यह गुफा मुझे भी मिल गई थी ! *मैंने यह अमृत पी लिया ! अब मैं मर नहीं सकता, पर मैं अब मरना चाहता हूँ... ! देख लो मेरी हालत...अंधा हो गया हूँ, पैर गल गए हैं, देखो...अब मैं चिल्ला रहा हूँ... चीख रहा हूँ...कि कोई मुझे मार डाले, लेकिन मुझे मारा भी नहीं जा सकता ! अब प्रार्थना कर रहा हूँ परमात्मा से कि प्रभु मुझे मौत दे !*
सिकंदर चुपचाप गुफा से बाहर वापस लौट आया, *बिना अमृत पिए !*
सिकंदर समझ चुका था कि जीवन का आनन्द उस समय तक ही रहता है, जब तक हम उस आनन्द को भोगने की स्थिति में होते हैं !
*इसलिए अपने स्वास्थ्य की रक्षा कीजिये ! जितना जीवन मिला है, उस जीवन का भरपूर आनन्द लीजिये ! हमेशा खुश रहिये ।*
दुनियां में सिकंदर कोई नहीं, *वक्त ही सिकंदर है..*
*2020 काम धंधे का, कमाई करने का नहीं है .. जो पिछले वर्षों में कमाया है, उसे खर्च करिये ..।*
_*मार्च 20 से दिसम्बर 20 तक 10 माह कमाने का वर्ष नहीं है.. जीवन बचाने का वर्ष है ।*_
*जीवन अनमोल है ....कड़वा है किंतु यही सत्य है !*
*Lockdown में छूट सरकार ने दी है, कोरोना ने नहीं...।* सरकार ने तो लॉकडाउन खोल दिया, लेकिन आप सावधान रहिये, क्योंकि आप सरकार की नजर में मात्र एक संख्या हैं । *लेकिन अपने परिवार के लिये आप पूरी दुनिया हैं !*
*आपका जीवन अनमोल है !*
*कृपया अपना तथा अपने परिवार के सभी सदस्यों का ख्याल रखें ।*
No comments:
Post a Comment